Pok में भूकम्प से कारें बसें धंसी, एक की मौत, 50 घायल , कश्मीर , दिल्ली व उत्तर भारत में भी झटके

ऋषभ शुक्ल


 तीव्रता  - 5 .8  केन्द्र  - मीरपुर में जमीन से 10 KM नीचे 


लाहौर  , इस्लामाबाद व रावलपिंडी में तेज झटके महसूस किये गये ।    भारत में नुकसान की खबर नहीं 


हिमालयन बेल्ट और हिन्दुकुश रीजन की फाल्ट लाईन के कारण दक्षिण एशियाई इलाके में आते हैं भूकम्प 


कुछ सेमी की दर से उत्तर में खिसक रहा हिमालय 


नई दिल्ली  ( भारत  ) । पाकिस्तान के उत्तरी हिस्से में मंगलवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए। पाक मौसम विभाग के मुताबिक, पंजाब प्रांत के झेलम में 5.8 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया था। इसका केंद्र जमीन से 10 किमी नीचे था। हालांकि, पाक के मंत्री फवाद चौधरी ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.1 थी। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मीरपुरमें भूकंप की वजह से 50 लोग घायल हुए हैं जबकिएक व्यक्ति की मौत हो गई।


भूकंप से पीओके के मीरपुर में काफी नुकसान हुआ है। पाक मीडिया के मुताबिक, यहां दोपहर 3 बजे भूकंप का पहला झटका महसूस किया गया था।इसके बाद शाम 4:21 से 4:31 के बीच भूकंप के झटके आए। इसकी वजह से यहां जमीन और सड़कों में बड़ी दरारें पड़ गईं। कारें, बसें और अन्य वाहन धंस गए। जम्मू-कश्मीर और दिल्ली समेत उत्तर भारत के कुछ राज्यों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए।


मीरपुर में महिलाएं-बच्चे घायल, मस्जिद को भी नुकसान
एक चश्मदीद ने बताया कि भूकंप की वजह से लोग इमारतों से बाहर निकल आए। दशहत का माहौल था। मीरपुर में एक इमारत गिरने से 50 लोग घायल हो गए। इनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। इन्हें एक अस्पताल में भेजा गया है। यहां एक मस्जिद को भी भूकंप की वजह से काफी नुकसान पहुंचा है।


पाकिस्तान के पेशावर, रावलपिंडी, लाहौर, स्कर्दू, कोहाट, चारसद्दा, कौसर, फैसलाबाद, सियालकोट, एबटाबाद, मनशेरा, छितराल, मलकांड, मुल्तान, शांगला, ओकारा, नौशेरा, ऐटक और झांग में भूकंप के झटके महसूस किए गए।


 


भारत और आसपास के देशों में भूकंप आने की वजह
हिमालयन बेल्ट की फॉल्ट लाइन के कारण एशियाई इलाके में ज्यादा भूकंप आते हैं। इसी फॉल्ट लाइन में हिंदूकुश रीजन भी आता है। 2015 के अप्रैल-मई में नेपाल में आए भूकंप के कारण करीब 8 हजार लोगों की मौत हुई थी।


हिमालय कुछ सेंटीमीटर की दर से उत्तर में खिसक रहा है ।हिमालयन फॉल्ट लाइन पर भारत सरकार की मदद से अमेरिकी वैज्ञानिकों ने एक स्टडी की थी। यह स्टडी यूएस जर्नल लिथोस्फीयर और जेजीआर में छपी थी। इस स्टडी के मुताबिक, हिमालय 700 साल पुरानी फॉल्ट लाइन पर मौजूद है। यह फॉल्ट लाइन ऐसे मुहाने पर पहुंच चुकी है, जिसकी वजह से कभी भी वहां ऐसा भूकंप आ सकता है जो पिछले 500 साल में नहीं देखा गया हो।


             @ तारकेश्वर टाईम्स की खबर 


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