यूपी में फिर एक वीआईपी हत्या , पूर्व DIG का बिल्डर बेटा मारा गया

प्रदेश में वीआईपी लोगों की हत्या का मानो दौर सा चल रहा है । ज्यादा दूूूूर न जाकर एक महीने में ही सन्तकबीर नगर जिले के वरिष्ठ अधिवक्ता रामगोपाल त्रिपाठी की हत्या कर लाश को लखनऊ में नहर में फेेंक दिया गया । दूूूसरी कबीर तिवारी पूूूर्व छात्र संघ अध्य्यक्ष की बस्ती में गोली मार कर हत्या कर दी गयी । तीसरी लखनऊ में कमलेश तिवारी की हत्या और अब वाराणसी में बिल्डर बलवन्त सिंह की हत्या हो गयी । इस आधुनिक और साईबर जमाने में ये हत्याएँ इस तरह की गई हैं जैसे हत्यारों के अन्दर कानून व्यवस्था के खौफ जैसी कोई चीज ही न हो । हालांकि एक एक कर सब पकड़े जा रहे हैं, पुलिस तेजी से अपना काम कर रही है, लेकिन हैरत की बात यह है कि अपराधों का सिलसिला रूकने का नाम नहीं ले रहा है । आखिर प्रदेश को हो क्या गया है ।


                   ( संजीव पाण्डेय )
वाराणसी के पहड़िया क्षेत्र की अशोक विहार कॉलोनी फेज-2 में रविवार रात दावत खाने गए पूर्व डीआईजी सभाजीत सिंह के बिल्डर बेटे करीब 45 वर्षीय बलवंत सिंह  की गोली मार हत्या कर दी गई । मौके पर मौजूद लोगों ने दावत से सबसे पहले निकले एक पार्टनर पर ही हत्या का आशंका जतायी है।



              सूचना पाकर मौके पर पहुंची  पुलिस ने घटना स्थल का जायजा लिया और राम गोपाल सिंह  ( जिनके घर  दावत थी ) से वारदात के संबंध में पूछताछ की। उधर, बलवंत को लेकर अस्पताल पहुंचे लोगों ने हंगामा कर दिया । छह थानों से पुलिस के अलावा स्थिति नियंत्रित करने के लिए पीएसी भी बुलाई गई।



शिवपुर थाना के तरना निवासी बलवंत सिंह अशोक विहार कॉलोनी फेज-2 निवासी पार्टनर रामगोपाल सिंह के घर दावत में शामिल होने गए थे। दावत में बलवंत और उनके चार अन्य पार्टनर शामिल थे। रामगोपाल सिंह के अनुसार खाना खाने के बाद उनका एक पार्टनर सबसे पहले घर से बाहर निकला। उसके थोड़ी ही देर बाद बलवंत निकले तो गोली चलने की आवाज सुनाई दी। बाहर बलवंत जमीन पर गिरे थे और उनके पेट से खून बह रहा था। मौके पर मौजूद स्कार्पियो सवार लोग उन्हें लेकर मलदहिया स्थित निजी अस्पताल गए। वहां डॉक्टरों द्वारा बलवंत को मृत घोषित किए जाने के बाद लोग आपस में ही नोकझोंक और हंगामा करने लगे।
लोगों का कहना था कि शव का पोस्टमार्टम नहीं होने देंगे और जिसने गोली मारी है उसका भी यही हश्र करेंगे । एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि घटनास्थल के आसपास लगे सीसी कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है। बलवंत के जिस पार्टनर पर हत्या की आशंका जताई जा रही है उसकी तलाश में क्राइम ब्रांच सहित पुलिस की तीन टीमें लगाई गई हैं। मूल रूप से बड़ागांव थाना के अकोढ़ा गांव के रहने वाले बलवंत सेवानिवृत्त डीआईजी सभाजीत सिंह के बेटे थे। मौके से मिले खोखे के आधार फोरेंसिक टीम ने स्पष्ट किया है कि घटना में .32 बोर की देसी पिस्टल प्रयोग की गई। 



        बुलेटप्रूफ गाड़ी भी नहीं बचा पाई जान
अस्पताल में परिजनों ने बताया कि बलवंत बुलेटप्रूफ स्कार्पियो से चलते थे। दो बच्चों के पिता बलवंत अपने व्यवसाय के कारण सतर्कता बरतते थे लेकिन सब कुछ धरा का धरा रह गया। बलवंत की अपने पार्टनरों से कोई रंजिश भी नहीं थी। उधर रामगोपाल सिंह ने कहा कि गोली क्यों मारी गई , यह समझ में नहीं आ रहा है। मेरी जानकारी के अनुसार बलवंत की किसी से कोई रंजिश नहीं थी।
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