Bst. न्यायालय और प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट नहीं लिख सकता सीडब्ल्यूसी , नियमों के उल्लंघन का आरोप 

तारकेश्वर टाईम्स  (हि0दै0)


               ( बृजवासी शुक्ल )
बस्ती  ( उ0प्र0 ) ।
बाल कल्याण समिति बस्ती में किशोर न्याय एवं बाल अधिकारों के संरक्षण हेतु बनाए गये नियमों के उल्लंघन किये जाने के मामले में एक संस्था द्वारा विस्तृत जानकारियों सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए इसकी शिकायत की गई है । जिसमें नियम विरुद्ध तरीके से प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेेट और न्यायालय शब्द के अनाधिकृत प्रयोग सहित अनुभवों को लेकर भी गम्भीर सवाल उठाये गये हैं ।



      प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि बाल कल्याण समिति , न्यायालय बाल कल्याण समिति शब्द का प्रयोग करने एवं प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट , न्यायालय बाल कल्याण समिति तथा उत्तर प्रदेश शासन के नाम की मुहर का प्रयोग करने हेतु अधिकृत न होते हुए  यहां इन सब का प्रयोग किया जा रहा है । भारत उदय संस्था के अध्यक्ष द्वारा निदेशक महिला कल्याण विभाग उत्तर प्रदेश एवं जिलाधिकारी बस्ती को दिये प्रार्थना पत्र में उक्त आरोप लगाते हुए कहा गया है कि बाल कल्याण समिति बस्ती के अध्यक्ष एवं सदस्यगण द्वारा आवेदन के समय लगाये गये शैक्षिक योग्यता के साथ अनुभव प्रमाणपत्र किशोर न्याय अधिनियम ( बालकों की देखरेख और संरक्षण ) 2015 के आदर्श नियम 2016 की धारा 27 की उप धारा 4 के अनुसार मानक को पूरा नहीं करती है । 



   भारत उदय संस्था के अध्यक्ष पंकज ने कहा है कि निदेशालय महिला कल्याण उत्तर प्रदेश के मुख्य परिवीक्षा अधिकारी मुख्यालय पुनीत कुमार मिश्र द्वारा बताया गया है कि , बाल कल्याण समिति को न्यायालय शब्द का प्रयोग करने और समिति में चयनित किसी व्यक्ति अथवा सदस्य को प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट , न्यायालय बाल कल्याण समिति लिखने तथा उत्तर प्रदेश शासन के नाम की मुहर का प्रयोग करने हेतु अधिकृत नहीं किया गया है । उन्होंने कहा कि किशोर अधिनियम में वर्णित व्यवस्था के अनुसार किसी व्यक्ति को समिति के सदस्य के रूप में तब तक नियुक्त नहीं किया जाएगा , जब तक ऐसा व्यक्ति सक्रिय रूप से कम से कम सात वर्ष तक बालकों से सम्बन्धित स्वास्थ्य , शिक्षा अथवा कल्याण के क्रियाकलापों में शामिल न हो अथवा बाल मनोविज्ञान अथवा मनोचिकित्सा अथवा विधि अथवा सामाजिक कार्य अथवा समाज शास्त्र अथवा मानव विकास में डिग्री के साथ व्यवसाय करने वाला व्यावसायिक न हो । बाल कल्याण समिति बस्ती में उजमा बानो अध्यक्ष एवं दिनेश कुमार अग्रहरि , रेनू देवी , डाॅ0 शिवराम पाण्डेय और नवीन पाण्डेय सदस्य हैं । भारत उदय के अध्यक्ष ने कहा है कि बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष उजमा बानो द्वारा लगाया गया अनुभव प्रमाणपत्र श्याम चन्द्र विकलांग कल्याण शिक्षण सेवा संस्थान महरीखावां बस्ती का है , जो संस्था के प्रबन्धक जयन्त चौधरी द्वारा जारी किया गया है । जो दी गई व्यवस्था के अनुसार सक्रिय रूप से कार्य करने के क्रियाकलाप के मानक को पूरा करता है , लेकिन तीन सदस्यों के अनुभव प्रमाणपत्र पर्याप्त नहीं हैं । 



उन्होंने कहा कि सदस्य दिनेश कुमार अग्रहरि द्वारा दो अनुभव प्रमाणपत्र लगाया गया है । जिसमें एक स्व0 बुद्धिलाल गुप्ता सामाजिक विकास सेवा संस्थान आवास विकास कालोनी बस्ती और दूसरा रामफेर शिक्षा निकेतन अमईपार लालगंज बस्ती का है । जिसमें बुद्धिलाल सामाजिक संस्थान में ये स्वयं अध्यक्ष हैं । कहा गया है कि ये दोनों अनुभव प्रमाणपत्र मिलाकर भी पात्रता को पूरा नहीं नहीं करते हैं । दूसरी सदस्य रेनू देवी ने अनुभव के तीन प्रपत्र लगाए हैं । एक शिक्षित युवा सेवा समिति का , दूसरा सरस्वती शिक्षा मन्दिर एवं जू0 हा0 स्कूल पिकौरा शिव गुलाम बस्ती का और तीसरा आक्सियम फाउण्डेशन ए. के. मार्केट जिला चिकित्सालय गेट न0 - 2 पोस्ट पुरानी बस्ती का है ।  इसमें सरस्वती शिक्षा मन्दिर और आक्सियम दोनों संस्थाओं में एक ही कार्यकाल में कार्य किया गया है । आक्सियम में जून 2010 से जुलाई 2015 तक कार्य करना दर्शाया गया है और सरस्वती शिक्षा मन्दिर में एक जुलाई 2008 से तीस जून 2015 तक लगातार सहायक अध्यापक के पद पर कार्य किया जाना दर्शाया गया है । इस प्रकार इसे भी अपर्याप्त और संदिग्ध बताया जा रहा है ।



कहा गया है कि तीसरे सदस्य डाॅ0 शिवराम पाण्डेय के अनुभव के रूप में पांच प्रपत्र लगाये गये हैं । एक दीन दयाल उपाध्याय राज्य ग्राम्य विकास संस्थान बख्शी का तालाब लखनऊ 15 से 19 जनवरी 2007 तक कार्यशाला में शामिल होना , दूसरा यू0 पी0 कौन्सिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के ट्रेनिंग प्रोग्राम में 27 - 28 अगस्त 2015 को शामिल होना , तीसरा यूपी कौन्सिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च लखनऊ के नेशनल कांफ्रेंस में 14 - 15 जून 2016 को शामिल होना , चौथा लखनऊ में गणतन्त्र दिवस परेड में उद्घोषक के रूप में योगदान देना और पांचवां राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान , रहमान खेड़ा लखनऊ में प्रगतिशील कृषक के रूप में 25 - 06 - 2013 से 29 6 - 2013 तक कार्यशाला में भाग लेने का है । इनमें कुल मिलाकर भी अनुभव की पात्रता का पूरा न करने की बात कही गयी है । चौथे सदस्य नवीन पाण्डेय एडवोकेट हैं । इनका वकालत का उन्तीस मार्च 2008 से पंजीकरण है । इन्हें राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन  ( भारत सरकार द्वारा अनुबन्धित मानवाधिकारों पर समर्पित एक स्वैच्छिक एवं सामाजिक एसोसिएशन ) नई दिल्ली द्वारा एक अप्रैल 2015 को प्रदेश विधिक सलाहकार के पद पर नियुक्त किया गया है । इनका अनुभव अधिवक्ता के रूप में ही नियमानुसार स्वयं में पात्रता हेतु पूर्ण है । फिर भी इन्होंने मां धन्तेश्वरी वन औषधि एण्ड प्लांटेशन वर्क रायपुर छत्तीसगढ़ का थैंकिंग लेटर और पूर्वांचल जन कल्याण सेवा संस्थान हर्रैया बस्ती द्वारा बच्चों के कल्याणार्थ कार्य करने हेतु दिया गया धन्यवाद पत्र संलग्न किया है । 
    शिकायतकर्ता संस्था भारत उदय के अनुसार आदर्श नियमावली और भारत सरकार व उत्तर प्रदेश सरकार के नियमों का उल्लंघन किये जाने के साथ ही एक अध्यक्ष और चार सदस्यों में अनुभवकी योग्यता एवं पात्रता में अध्यक्ष और एक सदस्य को छोड़कर किसी की पात्रता मुकम्मल नहीं मालूम होती । बाल कल्याण समिति बस्ती पर नियमों के उल्लंघन , पद के दुरूपयोग और मनमाने तरीके से काम करने के मामले में निदेशक महिला कल्याण विभाग उ0प्र0 लखनऊ से शिकायत करते हुए न्यायिक कार्यवाही किये जाने की मांग की गयी है । 


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