इनकाउंटर में करना होता है दस गाइड लाईन का सामना , हैदराबाद में भी है लागू

तारकेश्वर टाईम्स  ( हि0दै0 )


एनकाउंटर पर करना होता है सुप्रीम कोर्ट के इन दस दिशा - निर्देशों का सामना : तेलंगाना पुलिस को भी करना होगा सामना



 
       ( आमोद उपाध्याय )                   तेलंगाना में रेप कांड के चारों आरोपियों का आज तड़के एनकाउंटर कर दिया गया है । पुलिस के मुताबिक इन चारों को घटनास्थल पर लाया गया था ताकि पूरी घटना का रिक्रिएशन किया जा सके । तेलंगाना में रेप कांड के चारों आरोपियों का आज तड़के एनकाउंटर कर दिया गया है । पुलिस के मुताबिक इन चारों को घटनास्थल पर लाया गया था ताकि पूरी घटना का रिक्रियेशन किया जा सके । लेकिन इनमें से दो ने पुलिसकर्मियों का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की थी । पुलिस के सामने इन पर फायर करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था , जिसमें इनकी मौत हो गई । गौरतलब है इन्होंने डाॅ0 युवती से गैंगरेप किया और बाद में पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया था , जिससे उसकी मौत हो गयी थी । पुलिस के मुताबिक घटना से पहले इन लोगों ने शराब भी पी रखी थी । रेप और मर्डर की इस घटना के बाद पूरे देश में गुस्सा था और इस मामले की सुनवाई के लिए फॉस्ट ट्रैक कोर्ट का गठन किया गया था ।


वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने एनकाउंटर को लेकर


       जारी किए थे गाइड लाईन 


इस एनकाउंटर को लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं । कुछ लोग इसके समर्थन हैं तो कुछ लोग इसका विरोध कर रहे हैं । इस बीच हमें इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि सितंबर 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने एनकाउंटर पर गाइडलाइन्स जारी की थी । क्या जब जांच होगी तो तेलंगाना पुलिस खुद को साफ साबित कर पाएगी ?
एनकाउंटर पर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन
1 - एनकाउंटर के बाद मामले की FIR दर्ज की जाएगी जो इलाके से संबंधित कोर्ट भेजी जाएगी । 2 - जांच राज्य की CID , दूसरे पुलिस स्टेशन या किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाएगी जो पूरी तरह साइंटिफिक, अच्छी तरह दस्तावेज आधारित और निर्णायक जांच रिपोर्ट तैयार करेगी । 3 - ये जांच SP रैंक का अधिकारी करेगा । 4 - एनकाउंटर से पहले किस तरह पुलिस टीम को जानकारी मिली, यह पुलिस डायरी में दर्ज करना होगा या किसी डिजिटल फार्म में होगा। 5 - अगर किसी हाई अथॉरिटी से सूचना मिली हो तो वो भी दर्ज होना चाहिए। 6 - एनकाउंटर में जख्मी लोगों को जल्द मेडकिल सुविधा उपलब्ध कराई जाए। 7 - एनकाउंटर के बाद इसकी मजिस्ट्रेटी जांच कराई जाएगी और ये रिपोर्ट इलाके के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को भेजी जाएगी । 8 - एनकाउंटर में इस्तेमाल हथियारों को पुलिस टीम सील करेगी और जांच के लिए फोरेंसिक और बैलेस्टिक लैब भेजेगी । 9 - मारे गए लोगों के पोस्टमार्टम के लिए दो डॉक्टरों की टीम होगी और हो सके तो एक जिला अस्पताल का हेड डॉक्टर हो । 10 - जब तक जांच पूरी नहीं होती, एनकाउंटर में शामिल पुलिस टीम को बारी से पहले तरक्की नहीं मिलेगी ।
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