लड़कियों का नाम बाप की जायदाद में नहीं चढ़ता : ऐसा कहते हैं लेखपाल
तारकेश्वर टाईम्स (हि0दै0)
लड़कियों की जान का दुश्मन बना चाचा , 19 साल से लेखपाल नहीं कर रहे वरासत
सन्तकबीर नगर ( उ0प्र0 ) । ( रीतेश श्रीवास्तव )
जिले की मेंहदावल तहसील के दो लेखपालों ने एक व्यक्ति से मिलीभगत करके दो लड़कियों के बाप की जायदाद को उन्नीस साल से वरासत करने का काम लटका रखा है । इतना ही नहीं दो बहनों को भ्रमित करके यह भी बरगलाया जा रहा है कि बाप की जायदाद में लड़कियों को नहीं मिलेगा । इतना ही नहीं लड़कियों का चाचा बाप के घर से बेदखल भी करना चाह रहा है । सुनीता ने अपने सगे चाचा से खुद की जान को खतरा भी बताया है ।
मेंहदावल तहसील के मधईपुर निवासी सोमन गुप्ता की बेटी सुनीता ने जन सुनवाई पोर्टल एवं पुलिस अधीक्षक सन्तकबीर नगर को दिये प्रार्थना पत्र में न्याय की गुहार लगाई है । उसने लिखा है कि उसके पिता मुम्बई में नौकरी करते थे । करीब बीस साल पूर्व बीमारी के चलते उनका निधन हो गया है । कुछ ही दिनों बाद इसकी मां चम्पा देवी की भी मृत्यु हो गयी । प्रार्थिनी दो बहनें हैं । बड़ी बहन शिवकुमारी की शादी एक गरीब परिवार में हुई है । करीब चौबीस वर्षीय सुनीता अविवाहित है । इसके पिता ने मुम्बई में मकान भी बनाया था , उनकी मृत्यु के बाद चाचा मुन्नीलाल ने मुम्बई का मकान बेचकर पैसा हड़प लिया । गांव में भी हम लोग अपने पिता के मकान में रहते हैं । हम बहनों की देखभाल के बहाने चाचा भी इसी घर में रहने लगे । अब घर कब्जा करके हमें बेदखल करना चाहते हैं ।
सुनीता के अनुसार उसकी दो गांवों मेहावर और बढ़या में खेती है । जिसकी वरासत पिता के देहान्त के बाद पुत्रियों के नाम हो जानी चाहिए थी । लेकिन उसके चाचा मुन्नीलाल गुप्ता से मिलीभगत होने के कारण आज तक लेखपालों ने खतौनी में नाम ही नहीं चढ़ाया । सुनीता ने कहा है कि बढ़या के लेखपाल लक्ष्मी शंकर सिंह से खतौनी में नाम दर्ज करने कहा , तो तरह तरह के बहाने बनाते हैं । उन्होंने एक बार कहा कि लड़कियों का नाम बाप की जायदाद में नहीं चढ़ता है । फिर कहते हैं कि दो में से किसी एक बहन का नाम चढ़ेगा । फिर एक बार कहते हैं कि दोनों बहनों की शादी हो जाएगी , तब चढ़ेगा । इसी प्रकार मेहावर के लेखपाल रत्नेश कुमार वर्मा ने कहा कि जब बढ़या वाले लेखपाल तुम लोगों का नाम चढ़ा देंगे , तो हम भी चढ़ा देंगे । जब तक वो नहीं चढ़ायेंगे , तब तक हम भी नहीं चढ़ायेंगे ।
खेती में नाम चढ़वाने के प्रयास की जानकारी होने पर चाचा मुन्नीलाल गुप्ता लड़कियों से कहते हैं कि बाप की जायदाद में लड़कियों का नाम नहीं चढ़ता । इसके साथ ही पिता की जायदाद से हिस्सा देने से मना करते हुए घर से भी निकालने लगे हैं । जबकि पिता सोमन की मृत्यु के बाद मुन्नीलाल ने नौकरी से मिले दो लाख रूपये भी हड़प लिये हैं । ऐसी स्थिति में सुनीता के रहने खाने का भी कोई इंतजाम नहीं है । इस तरह इसे अपने चाचा से ही जान का खतरा हो गया है ।
सुनीता ने जायदाद में पिता के स्थान पर दोनों बहनों का नाम दर्ज कराने , चाचा द्वारा हड़पे दो लाख रू0 दिलाने , मेरे घर से चाचा को बाहर निकालने तथा चाचा मुन्नीलाल , लेखपाल लक्ष्मी शंकर सिंह और रत्नेश कुमार वर्मा के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराने की मांग की है ।
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