मानवाधिकारों की सुरक्षा हेतु राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन की स्थापना - डॉ0 कुलदीप मिश्र

तारकेश्वर टाईम्स  (हि0दै0)


मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकना ही एसोसिएशन का लक्ष्य - नवीन पाण्डेय


बहराईच  ( उ0प्र0 ) ( अंकुर श्रीवास्तव ) ।  विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर के एक सभा का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन के प्रदेश प्रभारी डॉक्टर कुलदीप मिश्रा व विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट प्रयागराज नवीन पाण्डेय ने शिरकत किया । इस दौरान मुख्य अतिथि राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन के प्रदेश प्रभारी डॉ0 कुलदीप मिश्रा व विशिष्ट अतिथि प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट प्रयागराज नवीन पाण्डेय का फूल मालाओ से लादकर भव्य स्वागत किया गया। भव्य स्वागत से अभिभूत अतिथियों ने लोगो के प्रति आभार ज्ञापित किया ।



     मुख्य अतिथि डॉ0 कुलदीप मिश्र ने कहा कि व्यक्ति के अधिकारों का हनन मानवाधिकार उल्लंघन की श्रेणी में आता है कोई भी गरीब असहाय जिसको लग रहा है कि हमारे साथ गलत हो रहा है हमारे अधिकारों का हनन हो रहा है वह हमारे जन परामर्श केंद्र में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं । डॉ0 कुलदीप मिश्र ने कहा कि मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए ही राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन की स्थापना की गई और यही उसकी मूल भावना है ।



 प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट ने नवीन पाण्डेय ने बताया कि राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन का एकमात्र लक्ष्य मानवाधिकारों के उल्लंघन को रोकना है व गरीब असहाय लोगों को जिनके साथ गलत हो रहा है उनको न्याय दिलाना है ।


सभा का आयोजन जनपद बहराईच के ब्लॉक मुख्यालय फखरपुर के सभागार में किया गया । कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानवाधिकार एसोसिएशन बहराइच के जिलाध्यक्ष डॉ0 अमर नाथ , जिला मीडिया प्रभारी अविनाश चंद्र शुक्ला, रमेश तिवारी कल्लू मिश्रा प्रधान, क्राइम इंस्पेक्टर निखिल , अभय राज सिंह , जयवीर सिंह , ईद खान , वाजिद खान , नदीम शेख व बड़ी संख्या में ग्रामीण  मौजूद रहे ।
          ➖   ➖   ➖   ➖   ➖
देश दुनिया की खबरों के लिए गूगल पर जाएँ 
लाॅग इन करें : - tarkeshwartimes.page 
सभी जिला व तहसील स्तर पर संवाददाता चाहिए 
मो0 न0 : - 9450557628


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रमंति इति राम: , राम जीवन का मंत्र

स्वतंत्रता आंदोलन में गिरफ्तार होने वाली राजस्थान की पहली महिला अंजना देवी चौधरी : आजादी का अमृत महोत्सव

सो कुल धन्य उमा सुनु जगत पूज्य सुपुनीत