बस्ती में सभी कोरोना संदिग्ध निगेटिव
तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.)
बस्ती (उ.प्र.)। बुखार व खांसी की समस्या का मतलब कोरोना जरूरी नहीं है। बाहर से आने वाले लोगों को दो सप्ताह के लिए घर में अलग - थलग रहने की जरूरत है। अगर समस्या ज्यादा होती है तभी वे चिकित्सक को दिखाएं। यह कहना है आईडीएसपी के नोडल डॉ. सीएल कन्नौजिया का। उनका कहना है कि लोगों को सशंकित या भयभीत होने की जरूरत नहीं है। एहतियाती कदम उठाकर कोरोना को शिकस्त दी जा सकती है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के सामने इस समय सबसे बड़ी समस्या यह है कि बड़ी संख्या में गांवों से इस बात की सूचना आ रही है कि उनके गांव में कोरोना का संदिग्ध मरीज है, ले जाकर उसकी जांच कराई। ज्यादातर मामलों में देखा जा रहा है कि मरीज को खांसी व बुखार की सामान्य समस्या है। जिले में अब तक केवल चार कोरोना संदिग्धों की जांच कराई गई, जिसमें सभी की रिपोर्ट निगेटिव मिली है।
डॉ. कन्नौजिया ने बताया कि अगर किसी को बुखार आदि की समस्या है तो वह सबसे पहले स्थानीय सीएचसी/पीएचसी की इमरजेंसी में अपनी जांच कराए। अगर समस्या ज्यादा होगी तो वहां से उसे मेडिकल कॉलेज या जिला अस्पताल भेजा जाएगा।
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