श्री राम लीला का पांचवां दिन : श्रीराम चले वनवास अयोध्या सूनी भई
(भृगुनाथ त्रिपाठी 'पंकज') बस्ती (उ.प्र.) । सनातन धर्मी संस्था और श्री रामलीला महोत्सव आयोजन समिति की ओर से अटल बिहारी वाजपेई प्रेक्षागृह में चल रहे श्रीराम लीला के पांचवे दिन श्रीराम के वनवास का भावुक मंचन किया गया। धनुषधारी आदर्श रामलीला समिति अयोध्या के कलाकारों द्वारा कैकेई द्वारा श्रीराम के 14 वर्ष का वनवास मांगे जाने, अयोध्यावासियों की मनः स्थिति आदि लीला का मंचन देख दर्शक भावुक हो गये। व्यास कृष्ण मोहन पाण्डेय ने कथा सूत्र पर प्रकाश डालते हुये बताया कि विवाह के बाद प्रभु श्रीराम सपत्नीक अयोध्या पहुंचते हैं तो पूरा नगर हर्षोल्लास में डूब जाता है। गुरु वशिष्ठ की सलाह पर राजा दशरथ अपने ज्येष्ठ पुत्र मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को राजपाट सौंपने का फैसला करते हैं। पूरे उत्साह के साथ राम के राज्याभिषेक की तैयारी चल रही थी कि इसी बीच माता कैकेयी ने राजा दशरथ से पूर्व में दिए गए वचनों का स्मरण दिलाते हुए राम को 14 वर्ष का वनवास और अपने पुत्र भरत को राजगद्दी सौंपने का वर मांग लेतीं हैं। इसी के साथ अयोध्या नगरी में शोक छा जाता है। पिता दशरथ के वचन का पालन करने के लिए भगवन श्रीराम...