हिंदी साहित्य के इतिहास में आचार्य शुक्ल की भूमिका अतुलनीय : मंडलायुक्त

               (बृजवासी शुक्ल) 

 बस्ती (सू.वि.उ.प्र.) । आचार्य रामचंद्र शुक्ल की मूर्ति का अनावरण करके मैं स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। आचार्य शुक्ल का हिंदी के प्रति प्रेम और हिंदी साहित्य के प्रति उनका योगदान सदैव याद रखा जाएगा।  

उक्त विचार मंडलायुक्त अनिल कुमार सागर ने व्यक्त किया। उन्होंने बड़ेबन चौराहे पर आचार्य शुक्ल की संगमरमर की मूर्ति का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन मूर्ति का अनावरण जनपद वासियों के लिए एक उपहार है। हमें इसका सम्मान करना चाहिए तथा आचार्य रामचंद्र शुक्ल मेमोरियल लाइब्रेरी का उपयोग करके रचनात्मकता को आगे बढ़ाना चाहिए। उन्होने कहा कि हिन्दी साहित्य के इतिहास लेखन में आचार्य शुक्ल की भूमिका अतुलनीय है। वे बनारस हिन्दी विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के अध्यक्ष और उच्च शिक्षा में हिन्दी के प्रथम पाठ्यक्रम-विधायक रहे। उन्होने ‘हिन्दी शब्दसागर‘ का सम्पादन भी किया। उन्होंने इस अवसर पर आचार्य रामचंद्र शुक्ल की मूर्ति का अनावरण करने के पूर्व दीपक जलाकर मां सरस्वती एवं गांधीजी के चित्र पर माल्यार्पण किया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने आचार्य शुक्ल की एक पुस्तक मंडलायुक्त को भेंट किया।   
    जिलाधिकारी ने कहा कि बस्ती की सेवा करने के लिए अच्छे विचारों को लाने के लिए हमें अच्छी पुस्तको के सानिध्य में रहना होंगा। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि यहां पर मूर्ति स्थापना के लिए काफी दिनों से लोगों की मांग हो रही थी परंतु कोरोना के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा था। कोरोना समाप्त होने के पश्चात संगमरमर की मूर्ति स्थापित की गई है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि लोग आचार्य शुक्ल की प्रतिमा एवं उनके नाम पर स्थापित पुस्तकालय में अध्ययन करके हिंदी की सेवा का व्रत लेंगे तथा रचनात्मक कार्यों में सहयोग करेंगे।  
जिलाधिकारी ने इस अवसर पर आचार्य शुक्ल की तीन भाग में लिखी चिन्तामणि, हिन्दी साहित्य का इतिहास, तुलसी, सूर, जायसी की भूमिकाए, रस नियमांसा, कविता क्या है के अतिरिक्त गुलामी के विरूद्ध अंग्रेजी अखबारों में सशक्त लेखों द्वारा ब्रीटिस सत्ता को याद किया। उन्होने बताया कि आचार्य शुक्ल ने विज्ञान जगत की विख्यात पुस्तक ‘‘दी रिडल आफ युनिवर्स‘‘ का ‘‘विश्वप्रपंच‘‘ नाम से अनुवाद तथा ‘‘प्लेन लीविंग एण्ड हाई थिंकिंग‘‘ का अनुवाद एवं अरनाल्ड एडविन की पुस्तक ‘‘लाइट आफ एसिया‘‘ का अनुवाद ‘‘बुद्धचरित‘‘ का विशेष उल्लेख किया।   
 समारोह को जिलाध्यक्ष महेश शुक्ल ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन कलेक्ट्रेट के अशोक मिश्रा ने किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय राजमार्ग के प्रबन्ध निदेशक विजय संचेती, सेफ्टी मैनेजर श्याम अवतार शर्मा, तहसीलदार पवन जायसवाल, सुशील कुमार, प्रवीण अग्रवाल, अनिल पाण्डेय, उमेश श्रीवास्तव, अमर सोनी, अखण्ड प्रताप सिंह, केडी चौधरी, भानुप्रताप मिश्रा, अमरनाथ, अखण्डपाल, वीरू चौधरी आदि उपस्थित रहे।  

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