पंचायत चुनाव : आचार संहिता लागू
(विशाल मोदी)
बस्ती (सू.वि.उ.प्र.)। जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने कहा है कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन 2021 को सकुशल, पारदर्शी व निष्पक्ष सम्पन्न कराने हेतु निर्गत आदर्श आचार संहिता का अक्षरशः पालन करना अनिवार्य होगा। आदर्श आचार संहिता का प्राविधान भारतीय दण्ड संहिता 1860 तथा अन्य सुसंगत अधिनियमों के अन्तर्गत है। इसका उलंघन इन प्राविधानो के अन्तर्गत दण्डनीय होगा। राज्य निर्वाचन आयोग की अधिसूचना जारी होने के समय से ही एवं निर्वाचन प्रक्रिया के समाप्ति तक आदर्श आचार संहिता लागू रहेगी।
जिलाधिकारी ने आचार संहिता के निर्देशो के विवरण में बताया कि ऐसा कोई कार्य नही करेगें, जिससे किसी धर्म, सम्प्रदाय, जाति या सामाजिक वर्ग एवं उम्मीदवार/राजनैतिक दल/राजनीतिक कार्यकर्ताओं की भावना आहत हो या उससे विभिन्न वर्गो/दलो/व्यक्तियों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो। किसी भी उम्मीदवार के व्यक्तिगत जीवन से संबंधित पहलूओं पर आलोचना नही की जायेगी। जाति, साम्प्रदायिक और धार्मिक भावना का परोक्ष या अपोक्ष रुप से सहारा नही लिया जायेगा। पूजा स्थलों का उपयोग निर्वाचन में प्रचार तथा निर्वाचन संबंधित अन्य कार्यो हेतु नही किया जायेगा।जिलाधिकारी ने आदर्श आचार संहिता के परिप्रेक्ष्य में यह भी कहा है कि चुनावी सभा में गडवडी करना/करवाना मतदाता को रिस्वत देकर या डरा धमका कर या आंतकी कर अपने पक्ष में मत देने के लिये प्रभावित करना एवं मादक द्वय बाटना, ऐसे सभी कार्य निर्वाचन विधिक के अन्तर्गत भ्रष्ट आचरण/अपराध माने गये है। ये सभी कार्य पूर्णतया प्रतिबंधित है। चुनाव प्रचार के लिये सभी उम्मीदवार/इलेक्शन एजेन्ट चुनाव प्रचार के दौरान आयोग के निर्देशों का पालन अनिवार्य रुप से करेगें। इस दौरान किसी अन्य उम्मीदवार या उसके समर्थक का पुतला लेकर चलने, तथा उसे जलाने अथवा इस प्रकार की अन्य कृत्य या प्रदर्शन करना और उसका समर्थन करना भी प्रतिबंधित रहेगा। निर्धारित व्यय सीमा से अधिक व्यय कदापि नही किया जायेगा। किसी व्यक्ति के विचार/मत/कृत्य का विरोध उसके निवास के सामने कोई भी प्रदर्शन या धरना आयोजित कर के नही किया जा सकेगा। चुनाव प्रचार हेतु किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते, दीवार का उपयोग, झण्डा, बैनर आदि लगाने का कार्य बिना भवन/भूस्वामी के अनुमति के नही किया जा सकेगा। किसी भी शासकीय, सार्वजिक स्थल/भवन आदि में विज्ञापन, वाल राइटिंग, कटआउट, होर्डिंग बैनर आदि नही लगाया जा सकेगा। चुनाव प्रचार हेतु वाहनो के प्रयोग के लिये जिला प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य होगा। लाउड स्पीकर एवं साउण्ड बाक्स का प्रयोग पूर्वान्मति के उपरान्त ही किया जा सकेगा। कोई भी मुद्रक या प्रकाशन या कोई व्यक्ति ऐसी कोई निर्वाचन/प्रचार सामग्री इसके मुख्य पृष्ठ पर उसकी मुद्रक, मुद्रण की संख्या व प्रकाशन का नाम व पता न हो,उसे कदापि मुद्रित व प्रकाशित नही करेगें और न ही करायेगें, इसमें मुद्रण के उपरान्त फोटो काफी सम्मिलित हो। किसी व्यक्ति द्वारा प्रत्याशियों के अनुमति के बिना उनके पक्ष में निर्वाचन विज्ञापन या प्रचार सामाग्री प्रकाशित नही करायेगी जायेगी। यदि कोई उसका उलंघन करता है तो उसका यह कृत्य भारतीय दण्ड संहिता की धारा 171-एच के अन्तर्गत दण्डनीय होगा।
उन्होंने कहा कि सभा, रैली, जुलूस के आयोजन के लिये पूर्व अनुमति लेना होगा। किसी अन्य उम्मीदवार के समर्थन में आयोजित सभाओ, जुलूसों आदि में किसी प्रकार के बाधा व विघ्न उत्पन्न करना प्रतिबंधित है। सभा, रैली, जुलूस का आयोजन यातायात बाधित न हो हो इसका पूर्णतया ध्यान रखना होगा। जिलाधिकारी ने राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा आदर्श आचार संहिता का पालन सभी राजनैतिक दलो, उम्मीदवारों, शासकीय अर्द्धशासकीय कर्मियों, विभागो एवं चुनाव प्रक्रियाओ से जुडे अधिकारी व कर्मचारियो आदि से इसका पालन किये जाने को कहा है। साथ ही जनपद में निर्विघ्न शान्तिपूर्ण, सकुशल चुनाव सम्पन्न कराने में अपनी भागीदारी निभाने को कहा है।➖ ➖ ➖ ➖ ➖
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