कब सुधरेगी पचपेड़िया रोड की हालत ?
बस्ती (उ.प्र.) । जनपद में करोड़ों की परियोजनाएं आई, शिलान्यास और लोकार्पण हुआ, स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा कराये गये विकास कार्यों की फेहरिस्त भी काफी लम्बी है, किन्तु शहर को राष्ट्रीय राजमार्ग से जोड़ने के लिये बेहद उपयोगी पचपेड़िया रोड की तस्वीर नहीं बदली। यह बातें व्यापारी नेता आनंद राजपाल ने कहीं।
उन्होने कहा प्रशासनिक अमला समस्या को लेकर बिलकुल गंभीर नही रहा, बल्कि आन्दोलन के दौरान डराने धमकाने और झूठे वादों का सहारा लेते रहे। एक बार फिर पचपेड़िया रोड के निर्माण के लिये व्यापार मंडल और स्थानीय नागरिकों के सहयोग से आरपार का संघर्ष छेड़ा जायेगा। इस बार हर घर से एक व्यक्ति धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेगा। आनंद राजपाल ने कहा दो बार सड़क की मरम्मत और निर्माण का बजट आया, किन्तु जनप्रतिनिधियों की अडंगेबाजी से काम अधर में रह गया। नतीजा ये है कि रोड गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। आये दिन राहगीर गिरकर चोटिल होते हैं।बरसात के दिनों में समस्या और विकट हो जाती है। गर्मी के मौसम में चाहनों के आवागमन से उठने वाली धूल लोगों को बीमार कर देती है साथ ही प्रतिष्ठानों में रखे सामान बरबाद हो जाते हैं। जबकि इस रोड पर कई नामचीन स्कूल, व्यापारिक प्रतिष्ठान, एजेंसियां, सरकारी दफ्तर, बाल सुधार गृह और अस्पताल हैं। दिन रात ये सड़क व्यस्त रहती है। आनंद राजपाल ने कहा स्थानीय प्रतिनिधियों और प्रशासन को न जाने क्या परेशानी है कि तीन सालों में हजारों करोड़ रूपये जनपद के विकास पर खर्च हुये लेकिन पचपेड़िया रोड की बदहाली नही दूर हुई। जन सहयोग से एक बार फिर समस्या के समाधान के लिये प्रयास शुरू किये जायेंगे।
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