कोरोना के इलाज में मददगार चेस्ट फिजियोथेरेपी : डॉ. जीतेन्द्र त्रिपाठी

  

                       (अंकुर श्रीवास्तव) 

डॉ. जीतेन्द्र त्रिपाठी फिजियोथेरेपिस्ट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, नौतनवां में फिजियोथेरेपिस्ट हैं

नौतनवां (महराजगंज)। कोरोना संक्रमित के कई लक्षणों में सांस लेने में दिक्कत भी एक प्रमुख लक्षण माना गया है। इसका सीधा संबंध फेफड़ों से है। कोरोना के अलावा फेफड़ों के ऐसे कई रोग हैं, जिन्हें खतरनाक समझा जाता है जैसे अस्थमा, सीओपीडी,सिस्टिक फाइब्रोसिस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी आदि जब फेफड़े ठीक से काम नहीं करते या इससे जुड़ी गंभीर बीमारी हो तो डॉक्टर कुछ थेरेपी करवाते हैं। 

यह इलाज में कारगर होती है। डॉक्टरी भाषा में इसी को चेस्ट फिजियोथैरेपी कहा जाता है इसी को सीपीटी या चेस्ट पीटी भी कहते हैं।

कब दी जाती है चेस्ट फिजियोथैरेपी

वर्ल्ड कंफेडरेशन फॉर फिजिकल थेरेपी की पत्रिका में साफ लिखा है कि कोविड-19 से निपटने के लिए क्या गाइडलाइन है। इसमें कहा गया है कि शुरुआती लक्षणों को देखते ही एकदम थेरेपी नहीं दी जानी चाहिए। हां निमोनिया जैसी स्थिति से लेकर कोरोना के गंभीर मरीजों को चेस्ट फिजियोथैरेपी दी जायेगी। सांस लेने में दिक्कत होने पर चेस्ट फिजियोथैरेपी की सलाह दे सकते हैं।इस थेरेपी में एक ग्रुप होता है।इसमें पॉस्चयुराल ड्रेनेज, चेस्ट परक्यूजन,चेस्ट वाइब्रेशन, टर्निंग,डीप ब्रीदिंग जैसी कई थेरेपी शामिल होती हैं। इनमें फेफड़ों में जमा बलगम बाहर निकालने में मदद मिलती है।चेस्ट फिजियोथैरेपी का लाभ लेकर खुद को मरीज पूरी तरीके से ठीक और तंदुरुस्त कर सकते हैं।

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