डॉ. हत्याकांड का मुख्य आरोपी 4 साल बाद चढ़ा एसटीएफ के हत्थे, 50 हजार का था ईनाम
(नागेन्द्र सिंह)
प्रयागराज। चर्चित डॉ. एके बंसल हत्याकांड के मुख्य आरोपी आलोक सिन्हा को प्रयागराज एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया। उसके ऊपर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। कई महीने से पुलिस और एसटीएफ सहित कई टीमें उसकी खोजबीन में लगी थीं। अंततः प्रयागराज एसटीएफ को उसको गिरफ्तार करने में सफलता मिल गई है। उसे संगम के निकट परेड मैदान से गिरफ्तार कर लिया गया। हत्याकांड में शामिल शूटर कुछ महीने पकड़े जा चुके थे, लेकिन आलोक सिन्हा भूमिगत हो गया था। इसकी तलाश में पुलिस ने नोएडा सहित कई राज्यों में दबिश दी थी लेकिन यह हाथ नहीं लग सका था।
चार साल पहले हुई थी हत्या
प्रयागराज में रामबाग स्थित जीवन ज्योति हास्पिटल के मालिक डॉ बंसल की हत्या 12 जनवरी 2017 को सरेशाम उनके चैंबर में गोली मारकर कर दी गई थी। एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि उनकी टीम ने प्रतापगढ़ में 2018 में हुई एक घटना में शामिल 50 हजार के इनामी बदमाश शोएब को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था। सोमवार को शोएब के लखनऊ आने की सूचना मिली। जिस पर पुलिस उपाधीक्षक दीपक सिंह और इंस्पेक्टर हेमंत भूषण सिंह व अन्य की टीम ने सुबह साढ़े सात बजे चिनहट स्थित देवारोड के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि डॉ. बंसल की हत्या उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर सुपारी के बारे में की थी।
55 लाख रुपये का था विवाद
एसटीएफ के मुताबिक, शोएब ने पूछताछ में बताया कि डॉ। बंसल ने बेटे अर्पित का मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराने के लिए आलोक सिन्हा को 55 लाख रुपये दिए थे। एडमिशन तो हुआ नहीं और आलोक ने पैसे भी हड़प लिए। जिस पर डॉ. ने एफआईआर दर्ज करा कर आलोक को जेल भेजवा दिया। यही नहीं दूसरे राज्यों में दर्ज मुकदमों में भी पैरवी करने लगे।
(आलोक सिन्हा)इसके बाद ही आलोक की मुलाकात नैनी जेल के भीतर दिलीप मिश्रा, अशरफ उर्फ अख्तर कटरा, जुल्फिकार उर्फ तोता और गुलाम रसूल से हुई। आलोक ने डॉ. बंसल की हत्या की साजिश रची, जिसमें दिलीप और अख्तर कटरा भी शामिल हो गए। दोनों ने अबरार मुल्ला नाम के बदमाश के माध्यम से तीन शूटर तय किए, जिसमें शोएब के अलावा मकसूद और ओरसिर शामिल थे।
(डॉ. एके बंसल)शोएब ने एसटीएफ को बताया कि डॉ. बंसल की हत्या करने के लिए 70 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था। इसमें 15 लाख रुपये एडवांस में और 55 लाख रुपये हत्या के बाद देने की बात हुई। हअबर मुल्ला ने शोएब, मकसूद और ओरसिर को पांच लाख रुपये, दो पिस्टल और एक मोटर साइकिल हत्या को अंजाम देने के लिए दी। यह तीनों बाइक से ज्योति जीवन हाता पहुंची। गाड़ी मकसूद चला जा रहा था। अस्पताल के बाहर मकसूद गाड़ी पर खड़ा किया जा रहा है और शोएब व यासिर दोनों ने अपनी-अपनी पिस्टल से चैंबर में मरीज देख रहे बंसल पर अंधाधुंध फायरिंग कर के मौत के घाट उतार दिया और उसी मोटर साइकिल पर फरार हो गए। बाद में रुपयों के बंटवारे को लेकर हुए विवाद में अबरार मुल्ला के कहने पर शोएब और मकसूद ने यासिर की हत्या कर दी।
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