कोरोना के सभी वैरिएंट पर प्रभावी है ये दवा

 

                          (संतोष दूबे) 

 नई दिल्ली। अमेरिकी दवा निर्माता कंपनी फाइजर का कहना है कि उसकी एंटीवायरल पैक्सलोविड दवा कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी है। कंपनी ने 3 लैब स्टडी रिपोर्ट जारी करके यह दावा किया। हालांकि अभी तक इन रिपोर्ट की समीक्षा होनी बाकी है।

   'कोरोना के सभी वेरिएंट के खिलाफ कारगर'

फाइजर के मुताबिक स्टडी से पता चला है कि पैक्सलोविड दवा (Paxlovid) में ओमिक्रॉन को कोशिकाओं में प्रतिकृति से रोकने की क्षमता है। यह दवा जरूरत से कई गुना अधिक प्लाज्मा सांद्रता (कंसेंट्रेशन) बनाए रखती है। फाइजर के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी मिकेल डोलस्टन ने कहा, हमने पैक्सलोविड को कोरोनावायरस के सभी वेरिएंट के खिलाफ डिजाइन किया है।

'मौत का खतरा कर देती है 90 प्रतिशत कम'

उन्होंने कहा, आंकड़ों से पता चला है कि हमारी ओरल (मुंह के द्वारा ली जाने वाली) कोविड-19 थेरेपी इस कोरोना वायरस और ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण उपकरण हो सकती है। क्लीनिकल ट्रायल में सामने आया है कि कोरोना के लक्षण शुरू होने के 5 दिनों के भीतर पैक्सलोविड दवा (Paxlovid) लेने से यह अस्पताल में भर्ती होने या मौत के जोखिम को करीब 90 प्रतिशत तक कम कर देती है।

   'कुल 30 गोलियों का आएगा सेट'

मिकेल डोलस्टन ने कहा कि मरीज के लिए पैक्सलोविड की कुल 30 गोलियों का एक सैट आएगा। लगातार पांच दिनों तक 3 गोलियां दिन में 2 बार लेनी होगी। इन 3 गोलियों में निर्माट्रेलवीर की 2 गोलियां और रिटोनवीर की एक गोली शामिल होगी। इसमें निर्माट्रेलवीर वह होता है, जो वायरस के दोहराव से रोकने के लिए एक सार्स-सीओवी-2 प्रोटीन को रोकता है। वहीं रिटोनवीर शरीर में निर्माट्रेलवीर के टूटने को धीमा कर देता है। फाइजर (Pfizer) का दावा है कि ट्रायल के दौरान उसकी एंटीवायरल दवा पैक्सलोविड (Paxlovid) लेने वाले 90 फीसदी से ज्यादा कोरोना मरीजों में 3 दिनों के भीतर महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है।

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