संस्थागत प्रसव कराएं एएनएम व आशा : सीएमओ इंद्रविजय विश्वकर्मा
(रीतेश श्रीवास्तव)
संतकबीरनगर (उ.प्र.)। गर्भवती की सुरक्षा के लिए चलाई जा रही विविध योजनाओं से जन जन को आच्छादित किया जाय। सरकारी अस्पतालों में गर्भवती के प्रसव के साथ ही बच्चे की सुरक्षा के लिए आवश्यक प्रबन्ध किए गए हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि जिले की आशा कार्यकर्ता व एएनएम अधिक से अधिक संस्थागत प्रसव कराएं। पूरे जनपद में कहीं से भी यह बात सामने आई कि किसी एएनएम या आशा कार्यकर्ता ने किसी गर्भवती का प्रसव किसी निजी अस्पताल में कराया है तो उसके खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ इन्द्र विजय विश्वकर्मा ने जननी सुरक्षा योजना की समीक्षा के बाद कहीं। उन्होंने कहा कि इस बात को सभी लोग ध्यान रखें कि सभी सुविधाओं से युक्त सरकारी चिकित्सालयों में ही प्रसव करााएं, ताकि जन समुदाय को अधिक से अधिक लाभ हो सके। उन्होने आमजन से भी अपील की कि वे गर्भवती का प्रसव सरकारी चिकित्सालयों में कराएं। विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में ही यह प्रसव होते हैं।जिले में 83 प्रसव केन्द्र
जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता संगीता बताती हैं कि जनपद में बेहतर सुविधाओं से युक्त कुल 83 प्रसव केन्द्र जिले में हैं।
इनमें से 5 एफआरयू हैं जिनके प्रसव केन्द्र वातानुकूलित हैं, यहां पर उच्च स्तरीय सुविधाओं का एहसास होगा। वहीं जिला चिकित्सालय में भी प्रसव के लिए बेहतर व्यवस्था तथा विशेषज्ञ चिकित्सक हैं।आशा कार्यकर्ताओं को 600 रुपए प्रोत्साहन राशि
संगीता बताती हैं कि आशा कार्यकर्ता को भी अपने क्षेत्र की किसी महिला के संस्थागत प्रसव कराने पर 600 रुपए का प्रोत्साहन भत्ता प्रदान किया जाता है। इसके अतिरिक्त वह प्रसव के बाद धात्री के घर विजिट करती हैं तथा बच्चे की देखभाल भी करती हैं तो भी उन्हें प्रोत्साहन भत्ता प्रदान किया जाता है।
सरकारी चिकित्सालय में प्रसव के लाभ
अधिकतर महिलाओं की नार्मल डिलिवरी ही कराई जाती है, विशेष परिस्थितियों में ही आपरेशन होता है। प्रसव के दौरान सारी दवाएं, टीके तथा मां के भोजन की भी व्यवस्था हास्पिटल से मुफ्त होती है। जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्र में 1400 तथा शहरी क्षेत्र में 1000 रुपए दिए जाते हैं। प्रसव के लिए निःशुल्क एम्बुलेंस से आने तथा प्रसव के उपरान्त घर पहुंचाने की सुविधा प्रदान की जाती है। सरकार द्वारा चलायी जा रही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ मिलता है। बच्चे को भी साल भर तक कोई दिक्कत होती हैं तो निःशुल्क एम्बुलेंस की सुविधा मौजूद है।
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चित्र परिचय -
डॉ इन्द्र विजय विश्वकर्मा, सीएमओ
प्रसव का प्रतीकात्मक चित्र
संगीता, मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता