ओड़िया स्वतंत्रता सेनानी सरला देवी : आजादी का अमृत महोत्सव
!! देश की आज़ादी के 75 वर्ष !!
"आज़ादी का अमृत महोत्सव" में आज मैं बात कर रही हूँ वर्ष 1921 के "असहयोग आन्दोलन" में शामिल होने वाली पहली ओड़िया महिला की जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई के लिये बड़ी संख्या में संग्रह किये हुये अपने गहनों और अपनी अचल सम्पत्ति के विशाल पथ का एक हिस्सा दान कर दिया था।
प्रस्तुति - शान्ता श्रीवास्तव
31 - "सरला देवी' - एक स्वतंत्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता, नारीवादी, राजनीतिज्ञ और लेखिका थीं। उनका जन्म बालिकोड़ा के पास नारिलो गाँव जो उस समय बंगाल प्रेसीडेन्सी के उड़ीसा डिवीजन (अब जगतसिंहपुर जिला उड़ीसा) में 19अगस्त 1904 को एक धनी जमींदार परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम पद्मावती देवी और पिता का नाम दीवान बासुदेव था जो कानूनगो थे। उनकी प्राथमिक शिक्षा बांकी में तैनात चाचा के पास रहकर हुई। उस समय महिलाओं की उच्च शिक्षा तक कोई पहुँच नहीं थी। इसलिए उनके चाचा ने उनके लिए होम ट्यूटर की सेवायें लीं। सरला देवी ने अपने ट्यूटर से बंगाली, संस्कृत, ओड़िया और अँग्रेज़ी सीखी।बांकी में रहकर सरला देवी बांकी की रानी सुक्का देवी की कहानियों से प्रेरित होकर स्वतन्त्रता आन्दोलन में शामिल हुईं। उनकी शादी 1917 में मशहूर वकील भागीरथी महापात्रा से हुई और बाद में 1918 में भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस में शामिल हो गयीं। वे महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, दुर्गाबाई देशमुख, कमला चट्टोपाध्याय, आचार्य कृपलानी और सरोजिनी नायडू के बहुत करीब थीं। ये सन् 1921 के "असहयोग आन्दोलन" में शामिल होने वाली पहली ओड़िया महिला थींं।ये 1अप्रैल 1936 को ओडिशा विधान सभा के लिए चुनी जाने वाली पहली महिला बनीं और ओडिशा विधान सभा की पहली महिला अध्यक्ष बनीं। कटक सहकारी बैंक की पहली महिला निदेशक बनीं तथा उत्कल विश्वविद्यालय की पहली महिला सीनेट सदस्य और भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की पहली महिला प्रतिनिधि भी थीं। राष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन के शिक्षा आयोग में वह ओडिशा की एकमात्र प्रतिनिधि थीं। वे 1943 से 1946 तक "उत्कल साहित्य समाज" की सचिव रहीं।सरला देवी ने 30 किताबें और 300 निबन्ध भी लिखे। महान स्वतन्त्रता सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता, राजनीतिज्ञ और लेखिका सरला देवी की मृत्यु- 82 साल की उम्र में 04अक्टूबर 1986 को हुई। आइये महान स्वतन्त्रता सेनानी "असहयोग आन्दोलन" में शामिल होने वाली पहली ओड़िया महिला सरला देवी को हम प्रणाम करें। सादर नमन! भावपूर्ण श्रद्धांजलि! जय हिन्द! जय भारत! वन्दे मातरम! भारत माता जी की जय।
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सभी जिला व तहसील स्तर पर संवाददाता चाहिए
मो. न. : - 9450557628शान्ता श्रीवास्तव वरिष्ठ अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। ये बार एसोसिएशन धनघटा (संतकबीरनगर) की अध्यक्षा रह चुकी हैं। ये बाढ़ पीड़ितों की मदद एवं जनहित भूख हड़ताल भी कर चुकी हैं। इन्हें "महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण, कन्या शिक्षा, नशामुक्त समाज, कोरोना जागरूकता आदि विभिन्न सामाजिक कार्यों में योगदान के लिये अनेकों पुरस्कार व "जनपद विशिष्ट जन" से सम्मानित किया जा चुका है।