बस्ती की दुबौलिया पुलिस ने किया बाल अधिनियम का उल्लंघन, सीडब्ल्यूसी में तलब
(नीतू सिंह)
बस्ती (उ.प्र.)। दुबौलिया पुलिस ने एक बार फिर बाल अधिनियम का उल्लंघन किया गया है। नाबालिग बालिका को बरामदगी के 1 सप्ताह बाद तक पुलिस ने अपने ही पास रोके रखा। बालिका के पिता की शिकायत पर सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष प्रेरक मिश्र ने थानाध्यक्ष दुबौलिया को उपस्थित होकर मामले में स्पष्टीकरण देने का आदेश जारी किया है।
(प्रेरक मिश्र अध्यक्ष सीडब्ल्यूसी बस्ती)गौरतलब है कि उक्त थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी व्यक्ति ने अपनी नाबालिग बेटी के गुमशुदा होने की रिपोर्ट दुबौलिया थाने में 14 मई को दर्ज कराई थी। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तत्परता दिखाते हुए 16 मई को नाबालिग बालिका को दूसरे प्रदेश से बरामद कर लिया। बरामद होने के बाद माता पिता ने बालिका को अपने घर ले जाने की इच्छा जताई, लेकिन पुलिस ने कहा कि बालिका का मेडिकल करवाना है और सीडब्ल्यूसी के सामने प्रस्तुत करना है इसके बाद ही बालिका को सुपुर्दगी में दिया जाएगा। सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष प्रेरक मिश्र ने बताया की बाल अधिनियम की मंशा के अनुसार बालिका को बरामदगी के 24 घंटे के भीतर (यात्रा में लगे समय को छोड़ कर) सीडब्ल्यूसी के समक्ष प्रस्तुत करके अगली कार्यवाही का आदेश प्राप्त किया जाता है। दुबौलिया पुलिस ने ऐसा करने के बजाए बालिका को 23 मई तक अपने ही पास रोके रखा। 23 मई को बालिका न्याय पीठ के समक्ष प्रस्तुत की गई। बाल कल्याण समिति न्याय पीठ के सदस्य अजय श्रीवास्तव, डॉ. संतोष श्रीवास्तव, मंजू त्रिपाठी एवं गोवर्धन गुप्ता की पीठ ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए बालिका को उसके माता पिता की सुपुर्दगी में दे दिया। सीडब्ल्यूसी ने मामले में लापरवाही के लिए दुबौलिया के थानाध्यक्ष एवं मामले के विवेचक को 30 मई को न्याय पीठ के समक्ष उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।
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