तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.) राम शब्द का अर्थ है – रमंति इति रामः जो रोम-रोम में रहता है, जो समूचे ब्रह्मांड में रमण करता है वह राम आखिर क्या हैं ? राम जीवन का मंत्र है। राम मृत्यु का मंत्र नहीं है। राम गति का नाम है, राम थमने, ठहरने का नाम नहीं है। सतत वितानीं राम सृष्टि की निरंतरता का नाम है । राम, महाकाल के अधिष्ठाता, संहारक, महामृत्युंजयी शिवजी के आराध्य हैं। शिवजी काशी में मरते व्यक्ति को(मृत व्यक्ति को नहीं) राम नाम सुनाकर भवसागर से तार देते हैं। राम एक छोटा सा प्यारा शब्द है। यह महामंत्र – शब्द ठहराव व बिखराव, भ्रम और भटकाव तथा मद व मोह के समापन का नाम है। सर्वदा कल्याणकारी शिव के हृदयाकाश में सदा विराजित राम भारतीय लोक जीवन के कण-कण में रमे हैं। राम हमारी आस्था और अस्मिता के सर्वोत्तम प्रतीक हैं। भगवान विष्णु के अंशावतार मर्यादा पुरुषोत्तम राम हिंदुओं के आराध्य ईश हैं। दरअसल, राम भारतीय लोक जीवन में सर्वत्र, सर्वदा एवं प्रवाहमान महाऊर्जा का नाम है। वास्तव में राम अनादि ब्रह्म ही हैं। अनेकानेक संतों ने निर्गुण राम को अपने आराध्य रूप में प्रतिष्ठित किया है। राम नाम के इस अत्यंत प्र...
(बृजवासी शुक्ल) बस्ती (उ. प्र.)। हाल में ही सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव 2024 में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव में पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण पार्टी के श्री रमेश चौधरी जिला मन्त्री पिछड़ा मोर्चा बस्ती को अनुशासनहीनता की वजह से शीर्ष नेतृत्व के निर्देशानुसार भारतीय जनता पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। भारतीय जनता पार्टी के चुनाव में खराब प्रदर्शन को लेकर गहन मंथन के फलस्वरूप अब भितरघातियों पर कार्यवाही का वक्त आ गया है। जिसकी शुरूआत रमेश चौधरी हुई है। इसके साथ ही पार्टी के कई ऐसे जिम्मेदार हैं जिन्होंने पार्टी संगठन के प्रति अपनी निष्ठा को दागदार किया है। मजे की बात ये कि ऐसे लोगों को इस बात का जरा भी गुमां नहीं था कि उनके इस आचरण की पोल खुल जाएगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक ऐसे दागी लोगों को चिह्नित कर लिया गया और संगठन के निर्णय के अनुसार ऐसे भितरघातियों पर गाज कभी भी गिर सकती है। मजे की बात यह भी है कि संगठन ने इतनी बेहतर सूक्ष्मता के साथ रिपोर्ट तैयार की है कि किसी को इस बात ...
तारकेश्वर टाईम्स (हि.दै.) सो कुल धन्य उमा सुनु जगत पूज्य सुपुनीत। श्रीरघुबीर परायन जेहिं नर उपज बिनीत॥ जय श्री राम प्रभु भक्तों हे उमा! सुनो वह कुल धन्य है, संसारभर के लिए पूज्य है और परम पवित्र है, जिसमें श्री रघुवीर परायण (अनन्य रामभक्त) विनम्र पुरुष उत्पन्न हों॥ सदा भगवान के कार्य में जो अपनी शरीर को कष्ट देता है। मुख से अखंड राम-नाम का उच्चारण करता है। स्वधर्मपालन में बिल्कुल तत्पर है। मर्यादापुरुषोत्तम श्रीरामचंद्रजी का ऐसा दास इस संसार में धन्य है। जैसा कहता है। वैसा ही करता है। नाना रूपों में एक ईश्वर (रूप) को ही देवता है और जिसे सगुण-भजन में जरा भी संदेह नहीं वहीं मर्यादापुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र जी का सेवक इस संसार में धन्य है। नीति निपुन सोइ परम सयाना। श्रुति सिद्धांत नीक तेहिं जाना॥ सोइ कबि कोबिद सोइ रनधीरा। जो छल छाड़ि भजइ रघुबीरा॥ जो छल छो़ड़कर श्री रघुवीर का भजन करता है, वही नीति में निपुण है, वही परम् बुद्धिमान है। उसी ने वेदों के सिद्धांत को भली-भाँति जाना है। वही कवि, वही विद्वान् तथा वही रणधीर है॥ जिसने मद,...