वक्फ बोर्ड को गुमराह कर अंजुमन इस्लामिया के सेक्रेटरी को हटाने की साजिश : डीएम से चार्ज न दिलाने की मांग
अंजुमन इस्लामिया कमेटी को फैसला आने तक बनाये रखने के लिए सैय्यद साबिर हुसैन नेडीएम को पत्र भेजकर लगाया न्याय की गुहार
(घनश्याम मौर्य)बस्ती (उ.प्र.)। अंजुमन इस्लामिया के सेक्रेटरी सैय्यद साबिर हुसैन ने कुछ लोगों द्वारा मुख्य कार्यपालक अधिकारी वक्फ बोर्ड के रिश्तेदार होने का अनुचित लाभ लेते हुए मूल तथ्यों को छिपाकर साजिश के तहत सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड उ.प्र. से अपने पक्ष में नया आदेश पारित करा लेने का आरोप लगाया है। साबिर हुसैन ने कहा है कि गलत तरीके से पारित कराये गये आदेश का यह प्रकरण सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड उ.प्र. में अभी विचाराधीन भी है। उन्होंने जिलाधिकारी से वक्फ बोर्ड का स्पष्ट निर्णय आने तक चार्ज न दिलाने और यथा स्थिति बनाये रखने की मांग की है।
अंजुमन इस्लामिया के सेक्रेटरी सै. साबिर हुसैन ने जिलाधिकारी को पत्र भेजकर कहा है कि वे वर्ष 1998 से अंजुमन इस्लामिया वक्फ 16 से 19 के सेक्रेटरी हैं, और अध्यक्ष मो. सुहेल के दिशा निर्देश के अनुरूप निःस्वार्थ भाव से अपनी भूमिका निभा रहे हैं। मोबीन अहमद, अब्दुल वहीद, अलाउद्दीन, सैय्यद अशरफ, मो. शाद, अफजाल अहमद, मो. सलीम उस्मानी इसमें सैय्यद शफीक अशर्फी मुख्य कार्यपालक अधिकारी वक्फ बोर्ड के सगे रिश्तेदार हैं। इनके कारण जुलाई 2022 में चोरी चुपके मूल तथ्योें को छिपाकर सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड उ.प्र. से अपने पक्ष में नया आदेश पारित करा लिया है। लोग वर्तमान कमेटी से संतुष्ट हैं और कोई परिवर्तन नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि प्रकरण सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड उ.प्र. में विचाराधीन है। उन्होने आग्रह किया है कि जब तक कोई स्पष्ट निर्णय नहीं आ जाता यथा स्थिति को बने रहने दिया जाय।डीएम को भेजे पत्र में सेक्रेटरी सैय्यद साबिर हुसैन ने कहा है कि गलत तरीके से उक्त आदेश को जिला प्रशासन को दिखाकर पत्राचार कराया गया है और इस आधार पर उनसे जबरिया प्रशासन द्वारा चार्ज दिलाने की कोशिश किया जा रहा है जबकि यह मामला वक्फ बोर्ड में लम्बित चल रहा है।➖ ➖ ➖ ➖ ➖
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