उमेश पाल हत्याकांड : खेत में मिली शूटर साबिर के भाई जाकिर की लाश
(बृजवासी शुक्ल)
प्रयागराज । उमेश पाल हत्याकांड में शामिल शूटर साबिर के भाई जाकिर का शव गुरुवार को कौशांबी में सरसों के खेत में मिला है। हाथ-पैर में चोट के निशान हैं। जबकि कनपटी और एड़ियों में ब्लैक स्पॉट है। यहीं नहीं, पेट का आधा हिस्सा गायब है। जाकिर के शव की पहचान उसकी बहन ने की है। बताया जा रहा है कि पुलिस की दबिश से बचने के लिए वो बहन के घर में छुपकर रह रहा था। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और आस-पास लगे सीसीटीवी को खंगाल रही है।
गुरुवार नौ मार्च को देर शाम पुलिस को ग्रामीणों के जरिए महमदपुर गांव में एक शव मिलने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया और शव को कब्जे में लिया। पुलिस के मुताबिक, शव संदिग्ध हालत में था, जिसे जानवर नोंच रहे थे। जाकिर के हाथ-पैर में गंभीर चोट के निशान मिले हैं।
(जाकिर के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाती पुलिस)
ग्रामीणों के मुताबिक, जाकिर कई दिनों से बीमार था। वह प्रयागराज के मरियाडी गांव का रहने वाला था। 2014 यानी 8 साल पहले पत्नी की मौत मामले में जेल गया था। जमानत पर 4 महीने पहले छूटकर गांव पहुंचा था। उमेश पाल हत्याकांड में भाई साबिर का नाम आने के बाद जाकिर फरार हो गया था।
वह अपनी बहन गुड़िया के घर से 5 दिन पहले अचानक लापता हो गया था। शूटर साबिर पर पुलिस ने ढाई लाख रुपए का इनाम घोषित कर रखा था। वह प्रयागराज शूटआउट के बाद से फरार था। उसकी तलाश में एसटीएफ समेत प्रयागराज पुलिस की कई टीम जुटी थीं।पुलिस की 3 टीमें गठित
जाकिर की मौत मामले का खुलासा करने के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं। पोस्टमॉर्टम शुक्रवार दोपहर कराया जाएगा। सीओ सिराथू डॉ. केजी सिंह का कहना है कि साबिर की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए परिजन से पूछताछ की जा रही है। पीएम रिपोर्ट से मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा।
44 सेकेंड में दिया था हत्याकांड को अंजाम
प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल और उनके 2 गनर की बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। उमेश के गाड़ी से उतरते ही बदमाशों ने उन पर फायरिंग कर दी थी। बदमाशों ने इस हत्याकांड को 44 सेकेंड में अंजाम दिया था। उमेश और एक गनर की मौके पर मौत हुई। जबकि एक गनर की अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। उमेश पाल हत्याकांड के पांच आरोपियों पर इनाम राशि बढ़ाकर ढाई-ढाई लाख कर दी गई है। पहचान होने के बावजूद 8 दिन बाद भी इस हत्याकांड के 5 शूटरों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इनमें अतीक अहमद का बेटा असद भी है। सूत्रों के मुताबिक बीस हजार मोबाइल नंबर क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की रडार पर हैं। अतीक अहमद गैंग से जुड़े 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा चुकी है।
उमेश पाल हत्यकांड में उन्हें बचाने में सिपाही सन्दीप निषाद की घटना स्थल पर ही मृत्यु हो गई थी। घायल दूसरे सिपाही राघवेंद्र सिंह की एक मार्च बुधवार की शाम 5:45 बजे सिपाही राघवेंद्र की इलाज के दौरान दुखद मृत्यु हो गई थी। राघवेन्द्र का पीजीआई लखनऊ में इलाज चल रहा था।
बसपा के पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल पर 24 फरवरी को बम और गोली से हमला किया गया था। इस हमले में उमेश पाल की मौत हो गई थी। उसकी सुरक्षा में दो गनर लगे थे। कोर्ट से वापस आने के बाद अपने घर के पास जैसे ही उमेश पाल पहुंचे, वैसे ही बदमाशों ने पहले तो उनकी कार पर गोलियों से हमला कर दिया। फिर जब वह कार से निकल कर अपने घर की ओर भागे तो उनके पीछे बम से भी हमला किया।➖ ➖ ➖ ➖ ➖
देश दुनिया की खबरों के लिए गूगल पर जाएं
लॉग इन करें : - tarkeshwartimes.page
सभी जिला व तहसील स्तर पर संवाददाता चाहिए
मो. न. : - 9450557628