बहुत याद आते हैं मुझको कॉलेज वाले दिन
कॉलेज वाले दिन
बहुत याद आते हैं मुझको कालेज वाले दिन,
आंख किताबी, कलम, वो पढ़ने जाने वाले दिन।
घर से चलना सखी साथ, चटपटी बातें वाले दिन,
मां से छुपकर इमली खाना, नमक चटपटी चाटों के दिन,
और कक्षा में पढ़ते पढ़ते गाने वाले दिन।
पढ़ना अच्छा था पर डांट भी खाने वाले दिन,
दिनभर पापा के ताने सुनने वाले दिन।
लड़कों से बचकर कक्षा में चूरन वाले दिन,
सबको छोड़कर अपने में इतराने वाले दिन।
याद बहुत आते हैं मुझको कॉलेज वाले दिन।।
- अनुभा अग्निहोत्री
अनुभा अग्निहोत्री बाल शिक्षा और बाल साहित्य में रूचि रखती हैं और बालिकाओं की शिक्षा और स्वस्थ मनोरंजन के प्रति वैचारिक अभियान की पक्षधर हैं।