गोरखपुर : सीएम सिटी में अवैध निर्माण पर अधिकारी मेहरबान
(रुबी सोनी)
गोरखपुर। सरकार के एक आदेश पर आसमान सिर पर उठा लेने वाले अधिकारी जब कोई काम नहीं करना चाहते तो सालों तक कोई न कोई बहाना बनाकर अवैध कार्य करने वाले को मौके पर मौका दिये जाते हैं। इसी तरह बेतियाहाता में तीन वर्षों से हो रहे अवैध निर्माण के विरुद्ध कार्रवाई के लिए अधिकारियों को मजिस्ट्रेट और पुलिस बल नहीं मिल पा रहा है। ऐसे ही मामलों को नजरअंदाज करने पर जब अचानक कोई बड़ी घटना हो जाती है, तो सभी के हाथ पांव फूलने लगते हैं। परन्तु नुकसान तो सिर्फ पीड़ित परिवार का ही होता है। चाहे जन हानि हो या धन हानि हो। आखिर तीन बर्षों से अधिकारियों के कान पर जूं न रेंगना विभागीय मिलीभगत और मुख्यमंत्री के ही शहर में अधिकारियों की हेकड़ी का उदाहरण है। पीड़ित सेक्शन इंजीनियर ने मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री को प्रार्थना पत्र देकर इस अवैध निर्माण पर कार्रवाई किए जाने की मांग की है। आखिर सीएम सिटी में खुलेआम हो रहे इस अवैध निर्माण पर अधिकारी मेहरबान क्यों हैं।
मामला दक्षिणी बेतियाहाता आवास विकास कालोनी का है। यहां मकान न. 15 में 3 - 4 वर्ष से लगातार भवन निर्माण का कार्य अवैध रूप से चल रहा है। इसी मकान से सटे समीर श्रीवास्तव का मकान है। समीर इन्जीनियरिंग विभाग उत्तर रेलवे लखनऊ में सीनियर सेक्शन इंजीनियर हैं। बेतियाहाता के उनके मकान में उनके वृद्ध पिता रहते हैं। दिये प्रार्थना पत्र में समीर श्रीवास्तव ने कहा है कि उनके मकान से सटे मकान न. - 15 का निर्माण पांच साल से हो रहा है। जबकि यह मकान पूर्णतया अवैध और अनाधिकृत है। यह मकान आवास विकास द्वारा पूर्व में निर्मित मकान को ध्वस्त करके उसके स्थान पर बिना मानचित्र स्वीकृत कराये परिषद द्वारा निर्धारित मानक के विपरीत अवैध और अनाधिकृत रुप से कराया जा रहा है। कार्यालय अधिशासी अभियन्ता निर्माण खण्ड - 1 उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद शाहपुर योजना 2 / 3 गोरखपुर के तत्कालीन अधिशासी अभियन्ता इस अवैध अनाधिकृत निर्माण को गिराने व ध्वस्तीकरण हेतु नोटिस सं. - 427 / नोटिस 26 - 02 - 2019 एवं 1398 / नोटिस दि. 05 - 07 - 2019 एवं पत्र सं. 354 / वाई - 3 / 22 दिनांक 04 - 02 - 2021 दिया गया था। जिसमें पांच मार्च 2021 तक अवैध निर्माण को हटाने व ध्वस्तीकरण हेतु समय दिया गया था। इस समय सीमा के दो साल से अधिक बीत जाने के बाद भी अवैध निर्माण न हटाया गया, न ध्वस्त किया गया और न ही सील किया गया है। ऊपर से तुर्रा यह कि आज भी लगातार हो रहा निर्माण कार्य अधिकारियों की करतूत उजागर कर रहा है। उक्त अवैध निर्माण करने वालों ने बगल में स्थित समीर श्रीवास्तव के भवन का सेट बैक आदि बन्द कर दिया और अपने भवन के आगे मानक के विपरीत 15 - 20 फीट ऊंची बाउंड्रीवाल बना लिया है। छ: जून को भेजे पत्र में समीर ने कहा है कि अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है और निर्माण कार्य जारी है। जबकि ड्रिल मशीन और वायब्रेटर का इस्तेमाल किए जाने से ई. समीर श्रीवास्तव के मकान में दरारें भी आ गयी हैं। जिससे मकान ध्वस्त भी हो सकता है।समीर श्रीवास्तव ने जन सुनवाई पर भी शिकायत की थी। जिसकी आईजीआरएस सं. - 40018823015813 के जवाब में अधिशासी अभियन्ता आवास विकास परिषद गोरखपुर द्वारा यह जवाब दिया गया कि पुलिस बल एवं मजिस्ट्रेट उपलब्ध न होने के कारण ध्वस्तीकरण की कार्यवाही नहीं की जा सकी। दो वर्ष पूर्व भी यही जवाब अधिशासी अभियन्ता द्वारा दिया गया था। इसका सीधा अर्थ यह है कि विभाग यह मान रहा है कि निर्माण अवैध हो रहा है, लेकिन कार्यवाही में जान बूझकर हीलाहवाली की जा रही है। मुख्यमंत्री द्वारा समस्या के सही तरीके से निराकरण किये जाने के बाद भी आवास विकास परिषद कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है और कान में तेल डालकर बैठा है। समीर श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री और नगर विकास मंत्री से दक्षिणी बेतियाहाता आवास विकास के भवन सं. - 15 में हुए अवैध / अनाधिकृत निर्माण को हटाने / गिराने / ध्वस्तीकरण / सील करने के लिए पूर्व में जारी नोटिस पर प्रभावशाली कार्यवाही किये जाने की मांग की है।
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