मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर माल्यार्पण और संगोष्ठी
(विशाल मोदी)
बस्ती (उ. प्र.)। मुंशी प्रेमचंद जयंती के अवसर पर गवर्नमेंट इंटर कालेज के प्रांगण में स्थित मुंशी प्रेमचन्द जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण के पश्चात एक संगोष्ठी की गयी। कार्यक्रम में प्रबुद्धजनों, साहित्यकार, चिकित्सक एवं समाजसेवियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रमुख समाज सेवी, जनपद के प्रसिद्ध होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ . वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी ने कहा कि मुंशी प्रेमचन्द जी ने कहानी, लेख और कविताओं के माध्यम से समाज के आमजन से लेकर समाज के आखिरी व्यक्ति को बात अत्यंत सरल शब्दों में कहा है।मुंशी जी ने कहानी मंत्र के माध्यम से एक झाड़-फूंक कराने वाले किसान की उपयोगिता, ईदगाह में मेले से चिमटा जैसी वस्तु का खरीद कर मां को देना कहानी हर दिल में उतर जाती है ऐसी ही तमाम कहानियों के कैनवास में हमें मुंशी जी सोचने को विवश कर देते हैं।
आयुष चिकित्साधिकारी डॉ. वी के वर्मा ने मुंशी जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा करते हुए कहा कि मुंशी जी ने साहित्य के माध्यम से तमाम कुरीतियों को सामने लाकर दूर करने का प्रयास किया मुंशी जी ने सिद्ध कर दिया कि साहित्य के माध्यम से भी समाज में बड़ा परिवर्तन किया जा सकता है पंच परमेश्वर,नमक का दरोगा जैसी कृतियां इस बात का उदाहरण हैं।दसिया डिग्री कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि जनपद का यह गवर्नमेंट कॉलेज जिसमें मुंशी प्रेमचन्द जी ने शिक्षक के रूप में सेवाएं दी थीं। यहीं विद्यालय प्रांगण में स्थित आवास में रहकर कहानियां लिखते रहते थे। इतिहासविद डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि मुंशी प्रेमचन्द जी द्वारा छुट्टी के लिए लिखें पत्र (एप्लिकेशन) की कापी विद्यालय में मौजूद हैं।कार्यक्रम में प्रमुख से डॉ. शिव बहादुर सिंह, विजय कुमार श्रीवास्तव, सत्येन्द्र नाथ श्रीवास्तव मतवाला, देवेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, श्याम प्रकाश शर्मा, वी के शुक्ल, परमात्मा प्रसाद श्रीवास्तव सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
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