बस्ती में मनई, हे देव वरूण और हम बच्चे प्यारे का शानदार विमोचन

                  (नीतू सिंह)

बस्ती (उ. प्र.)। साहित्य संसद्-बस्ती एवं अखिल भारतीय साहित्य परिषद्-बस्ती के संयुक्त तत्वावधान में प्रेस क्लब- बस्ती में आयोजित जनपद बस्ती के तीन साहित्यकारों राम मणि शुक्ल की कृति 'मनई', सर्वेंद्र नारायण द्विवेदी की कृति 'हे देव वरुण' तथा डॉ वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी की कृति 'हम बच्चे प्यारे-प्यारे' का विमोचन पूर्व अपर संयुक्त गन्ना आयुक्त श्री रमाशंकर सिंह के गरिमामय मुख्य आतिथ्य, साहित्य संसद् के अध्यक्ष श्री कमलापति पाण्डेय 'कँवल' की अध्यक्षता तथा डॉ विकास भट्ट 'कामिल' के संचालन में संपन्न हुआ।

मुख्य अतिथि श्री रमाशंकर सिंह ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि साहित्य सृजन निरंतर चलता रहना चाहिए। अलग अलग विषय वस्तु पर लिखी गई तीनों पुस्तकें पठनीय हैं और समाज को संदेश देने की दिशा में एक सफल प्रयास है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री के पी पाण्डेय जी ने तीनों ही पुस्तकों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि 'मनई' शब्द का प्रयोग बहुत ही कम हो गया है मानव जीवन लेने वाले सभी पुरुष मनई कहे जाते हैं पर मनुष्य का निर्माण संस्कारों द्वारा होता है। श्री पाण्डेय ने 'हे देव वरुण' की चर्चा करते हुए कहा कि जल के विविध रूप हैं पर कभी किसी को कसम दिलवाने के लिए कहा जाता है। नल से एक लोटा जल लेकर कहा जाता है- "गंगाजल उठाओ"। जल की तुलना सदैव गंगाजल से की गई जल के विविध रंग को इस पुस्तक में समाहित किया गया है, तीसरी पुस्तक 'हम बच्चे प्यारे-प्यारे' की चर्चा करते हुए कहा कि यह पुस्तक बच्चों की चंचलता, चपलता और बाल उन्मुक्तता को ध्यान करके लिखी गई है। हमारे आसपास की वस्तुएँ चींटा चींटी, साईकिल, हलवाई, ऊँट, पिपिहिरी जैसी विषयों पर कविता लिखकर बच्चों के मनोरंजन के साथ ज्ञानवर्धक का भी सफल प्रयास किया गया है।
पुस्तकों के विमोचन के पश्चात मुख्य अतिथि श्री रमाशंकर सिंह जी को 'बाबू बालसोम गौतम' सम्मान, साहित्य संसद् के अध्यक्ष कमलापति पाण्डेय 'कँवल' को 'पं0विद्या निवास मिश्र' सम्मान, वयोवृद्ध मूर्धन्य रचनाकार पं0 गोमती प्रसाद मिश्र 'अनिल' को 'पं0 भानु प्रताप शुक्ल' सम्मान, वरिष्ठ साहित्यकार परमात्मा प्रसाद 'निर्दोष' को 'पं. कविवर राम चरित्र पाण्डेय उपाख्य गंवार, लुच्चेश, पावन' सम्मान व नैसर्गिक सृजनकार सरला पाण्डेय 'असीम' को उनकी विलक्षण साहित्य उपलब्धियों के लिए 'सियाआली उपाख्य सियाली' सम्मान' के साथ अंगवस्त्र व सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में साहित्य संसद् के संस्थापक महामंत्री राममणि शुक्ल, वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप चन्द्र पाण्डेय, सर्वेंद्र नारायण द्विवेदी, डॉ. वीरेंद्र कुमार त्रिपाठी, उपाध्यक्ष संजीव कुमार पाण्डेय, परमात्मा प्रसाद 'निर्दोष', सरला पाण्डेय 'असीम', राजेश कुमार मिश्र ' राज', श्याम प्रकाश शर्मा, जगदीप सिंह दीप, डॉ. सतीश चन्द्र, डॉ. राघवेन्द्र सिंह, ओम प्रकाश पांडेय, सुरेंद्र सिंह, संजय कुमार द्विवेदी, राम कोमल सिंह, उमाशंकर यादव, शिवपूजन मिश्र, भारत भूषण शुक्ल, अंकित कुमार पांडेय, विकास प्रताप सिंह, आफताब आलम मौजूद रहे।

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