रतन टाटा को भारत रत्न का प्रस्ताव : पंचतत्व में विलीन हुए रतन टाटा, नामचीन हस्तियों ने नम आंखों से अनमोल रतन को दी अंतिम विदाई

               (प्रशांत द्विवेदी)

मुम्बई। दुनिया भर में टाटा उद्योग का परचम लहराने के साथ ही भारत का नाम ऊंचा करने वाले वरिष्ठ उद्योगपति रतन नवल टाटा का अन्तिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया। वे पंचतत्व में विलीन हो गये हैं। देश विदेश की नामचीन हस्तियों ने उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी। उनके पार्थिव शरीर को वर्ली स्थित पारसी श्मशान स्थल लाया गया था। जहां पर उनका अंतिम संस्कार हुआ।

बता दें कि 86 साल की उम्र में 9 अक्टूबर 2024 बुधवार रात को रतन टाटा ने मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। जिसके बाद गुरुवार सुबह से ही बड़ी संख्या में दिग्गज लोगों ने वहां पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। महाराष्ट्र सरकार ने रतन टाटा को भारत रत्न दिए जाने का प्रस्ताव भी रख दिया है। हर भारतवासी रतन टाटा का नाम बड़े ही आदर के साथ लेता है। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है। महाराष्ट्र और झारखंड सरकार ने राजकीय शोक की घोषणा भी कर दी है। 

टाटा समूह के चेयरमैन और वरिष्ठ उद्योगपति रतन टाटा के निधन पर खेल, उद्योग, राजनीति और मनोरंजन जगत से जुड़े सभी हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। रतन टाटा के पार्थिव शरीर को जब अंतिम संस्कार के लिए वर्ली श्मशान घाट लाया गया, वहां पर उनको अंतिम विदाई देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फणनवीस मौजूद रहे। इस मौके पर तमाम मशहूर हस्‍त‍ियां, उनके चाहने वाले हजारों लोग मौजूद थे। इससे पहले एनसीपीए ग्राउंड पर रतन टाटा को नम आखों से विदाई दी गई। उनके अंतिम दर्शन को भीड़ उमड़ पड़ी। गृहमंत्री अमित शाह ने एनसीपीए ग्राउंड पहुंच कर श्रद्धांजलि दी। उनका पार्थिव शरीर तिरंगे से लिपटा था और दर्शन के लिए रखा गया था। 

रतन टाटा के पार्थिव शरीर को सबसे पहले प्रार्थना कक्ष में रखा गया, जहां अंतिम प्रार्थना की गयी। प्रार्थना के समय लगभग 200 लोगों ने 'अहनावेति' पढ़ी। पारसी परम्परा से होने वाली इस प्रार्थना को 'गेह - सारनू' कहा जाता है। इस अनुष्ठान में लगभग 45 मिनट लगे। प्रार्थना के पश्चात पार्थिव शरीर का इलेक्ट्रिक शवदाह गृह में  अंतिम संस्कार किया गया।

रतन टाटा को भारत रत्न के लिए शिंदे सरकार ने पारित किया प्रस्ताव

रतन टाटा के निधन के साथ ही उनके लिए भारत रत्न की मांग तेज हो गई है। इस बीच शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्‍ट्र कैबिनेट ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से दिवंगत रतन टाटा को सम्मानित करने का केन्द्र सरकार से आग्रह करने का प्रस्ताव पारित किया है।

   अंबानी परिवार ने दी श्रद्धांजलि

रतन टाटा को श्रद्धांजलि देने के लिए अंबानी परिवार एनसीपीए ग्राउंड पहुंचा। रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी और नीता अंबानी ने रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान आकाश अंबानी और श्लोका अंबानी भी साथ में मौजूद थे।

  लाल कृष्ण आडवाणी ने जताया दुःख 

 रतन टाटा के निधन पर भारतीय जनता पार्टी के वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने दु:ख जताया है। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि ‘रतन टाटा उद्योग जगत के बड़े सितारे थे। उन्होंने भारतीय उद्योग पर अमिट छाप छोड़ी है। रतन टाटा दूरदर्शी थे।’

'एक युग का अंत', रतन टाटा के निधन पर भावुक हुए अमिताभ बच्चन

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने रतन टाटा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि टाटा के निधन से एक युग का अंत हो गया। अमिताभ बच्चन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा - ‘रतन टाटा के निधन के बारे में पता चला… मैं बहुत देर तक काम करता रहा। एक युग समाप्त हो गया है। एक अत्यंत सम्मानित, विनम्र लेकिन दूरदर्शी नेता, जिनकी दृष्टि और संकल्प अद्वितीय थे।’ रतन टाटा के साथ बिताए गए विशेष क्षणों को याद करते हुए अमिताभ बच्चन ने कहा कि हमने उनके साथ कई शानदार पल बिताए, कई अभियानों के दौरान हम साथ-साथ शामिल रहे। उन्होंने हाथ जोड़ते हुए अपनी प्रार्थनाएं व्यक्त कीं।

वह सच्चे विजनरी व्यक्ति थे रतन टाटा : आरबीआई गवर्नर दास ने दी श्रद्धांजलि 

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रतन टाटा के निधन पर दुख जताया। उन्होंने कहा, ‘रतन टाटा के बारे में दो चीजें सबसे अलग दिखती हैं। पहला, वह एक सच्चे विजनरी व्यक्ति थे। दूसरा, वह कॉर्पोरेट गवर्नेंस में नैतिकता को बहुत मानते थे। मुझे लगता है कि जब भी आधुनिक भारत का आर्थिक इतिहास लिखा जाएगा, तो मुझे पूरा यकीन है कि उनकी उपलब्धियों का वर्णन करने के लिए एक पूरी किताब भी काफी नहीं हो। वे भारत के सच्चे सपूत और एक असाधारण व्यक्तित्व थे। उनकी आत्मा को शांति मिले।’

वह अपने समय से आगे के व्यक्ति थे: एस जयशंकर रतन टाटा के स्वर्गवास पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, "मैं उनसे पहली बार तब मिला था जब मैं सरकार में एक तरह से मध्यम स्तर पर था। उस समय, हमने अमेरिका के साथ सीईओ फोरम की शुरुआत की थी। वह एक ऐसे व्यक्ति के रूप में स्वाभाविक पसंद थे जो इसका नेतृत्व करने वाले थे। इसलिए उन वर्षों में हम एक साथ मिलकर काम करते थे, अमेरिका की यात्रा करते थे। एस जयशंकर ने आगे कहा,"वह वास्तव में एक उल्लेखनीय व्यक्ति थे। मुझे लगता है कि अगर आप आज की भावना, स्नेह, सम्मान को देखें, तो मुझे उद्योग जगत में ऐसा कोई व्यक्ति याद नहीं आता जिसने बहुत व्यापक वर्ग के लोगों में इस तरह की भावना पैदा की हो। मेरा मतलब है, इसे वास्तव में राष्ट्रीय क्षति के रूप में देखा जाता है। वह अपने समय से आगे के व्यक्ति थे। उन्होंने टाटा समूह को एक तरह से विदेश में ले गए।"

सचिन तेंदुलकर रतन टाटा के घर सबसे पहले पहुंचे

क्रिकेट के दिग्गज सचिन तेंदुलकर रतन टाटा के घर पर सबसे पहले पहुंचने वालों में शामिल थे। महाराष्ट्र, गुजरात और झारखंड की सरकारों ने रतन टाटा के सम्मान में गुरुवार को राजकीय शोक की घोषणा की है। मुख्यमंत्री शिंदे के हवाले से एक बयान में कहा गया कि महाराष्ट्र में सरकारी कार्यालयों पर तिरंगा आधा झुका रहेगा। सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने टाटा को श्रद्धांजलि देने के लिए पुरी में समुद्र तट पर रेत से उनकी तस्वीर उकेरी।

रतन टाटा के परिवार के सदस्य, उनके सौतेले भाई नोएल टाटा और टाटा समूह के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन समेत कंपनी के शीर्ष अधिकारियों और कई क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदायी दी। अंत्येष्टि में शामिल एक पुजारी ने बताया कि अगले तीन दिनों तक कोलाबा स्थित दिवंगत उद्योगपति के बंगले में अनुष्ठान किए जाएंगे।

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