लालकिले पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया पुतला दहन
(प्रशांत द्विवेदी)
नई दिल्ली। पूरे देश में दशहरे की धूम मची हुई है। बुराई पर अच्छाई के प्रतीक दशहरा पर हर जगह रावण दहन किया गया है। दिल्ली में लालकिला स्थित माधव पार्क में रामलीलाओं पर रावण धू-धू कर जला। श्री धार्मिक रामलीला कमेटी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रावण को तीर मारकर रावण दहन किया। दिल्ली में लालकिला स्थित माधव पार्क में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ का पूतला धू-धूकर जल गया।
वहीं, नव श्री धार्मिक रामलीला कमेटी में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी पहुंच गए। सोनिया गांधी ने भगवान राम, लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले कलाकारों के माथे पर तिलक लगाया। यहां उन्होंने तीर भी चलाया। राष्ट्रपति और पीएम ने लगाया तिलकमाधव दास पार्क में श्री धार्मिक रामलीला कमेटी में शाम को पहुंची राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रामलीला मंच पर शाम को भगवान राम और लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले कलाकारों के माथे पर तिलक लगाया।
(लाल किला मैदान में आयोजित श्री धार्मिक लीला में दशहरा के पावन अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी)लालकिला ग्राउंड में पहुंचे अभिनेता
इसके अलावा लालकिला के पास होने वाली लवकुश रामलीला में अभिनेता अजय देवगन, फिल्म निर्माता रोहित शेट्टी और अभिनेत्री करीना कपूर भी पहुंचे, जहां उन्होंने तीर चलाकर रावण दहन किया।
(रोहित शेट्टी, अजय देवगन व करीना कपूर ने तीर चलाकर किया पुतला दहन)लाल किला मैदान में राष्ट्रपति और पीएम के आगमन से लाल किला मैदान में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर केवल उन्हीं वाहनों का प्रवेश पार्किंग परिसर में जाने दिया जा रहा है, जिनके लिए विशेष पास जारी किए गए हैं।
लाल किला के पीछे रिंग रोड, हनुमान सेतु, और नेताजी सुभाष मार्ग समेत विशिष्ठ अतिथियों के आगमन से यातायात बाधित रहा। समितियों ने नागरिकों से आग्रह किया कि वह सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से लाल किला में रामलीला मैदानों में पहुंचे। वहीं, निगम की टीम ने विशेष फॉगिंग अभियान चलाकर मच्छररोधी गतिविधियां कीं। 100 फुट से भी ज्यादा ऊंचे पुतले100 से लेकर 120 फुट ऊंचे पुतले रामलीला मैदानों में खड़े किए गए। पुतलों को डिजिटली आतिशबाजी के जरिए जलाया जाएगा। पर्यावरण के मद्देनजर इसके लिए पटाखों की आवाज पुतला दहन के दौरान ही निकली। डिजिटल आवाज से कुंभकरण को जगाने का प्रयास किया गया। दशहरे से पूर्व यहां रामलीलाएं समापन की ओर बढ़ रही हैं।
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